सरस्वती शिशु मंदिर में मातृ गोष्ठी संपन्न

संवाद यात्रा जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ अनंत थवाईत 


सरस्वती शिशु मंदिर चांपा हटरी विद्यालय में दिनांक 12 नवंबर 22 को शिशु वाटिका आयाम के अंतर्गत मातृ गोष्ठी कार्यक्रम एवं शिशु वाटिका प्रदर्शनी का आयोजन किया गया था श्रीमती अनुराधा गुप्ता के अध्यक्षता में एवं श्री चंद्र किशोर श्रीवास्तव जी उपाध्यक्ष विद्या भारती मध्य क्षेत्र के मुख्य आतिथ्य में साथ ही श्री गेंदराम राजपूत विभाग समन्वयक बिलासपुर विभाग, श्री प्रदीप कुमार स्वर्णकार अध्यक्ष विद्यालय प्रबंध समिति, डॉ शांति कुमार सोनी उपाध्यक्ष विद्यालय प्रबंध समिति एवं श्री देवेंद्र कुमार सोनी प्रधानाचार्य के विशिष्ट आतिथ्य में कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ।


 सरस्वती पूजन एवं दीप प्रज्जवलन पश्चात कक्षा 6वीं के बहनों ने छत्तीसगढ़ के राज्य गीत अरपा पैरी के धार पर सुंदर नृत्य प्रस्तुत किया, साथ ही कक्षा 5 के बहनों ने सुआ नृत्य, चतुर्थ कक्षा के बहनों ने देशभक्ति गीत पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया माताओं के मनोरंजन के लिए अनेक मूल्यपरक खेल भी उनको खिलाया गया।


मुख्य अतिथि श्रीमती अनुराधा गुप्ता ने उपस्थित माताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मां के पास ढेर सारी जिम्मेदारियां रहती है वह उसका लगातार बिना रुके और थके निभाती है मां अपने बच्चे के चरित्र और पूरे जीवन को आकार देती है सभी मां अपने बच्चे की बुद्धि और विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती है मेरे दोनों पाल्य विद्यालय में बताई गई सभी बातों का अनुकरण करते है हिंदी संस्कृत और सभी विषयों की पढ़ाई में स्वयं ध्यान देते है।



विशिष्ट अतिथि विद्या भारती मध्य क्षेत्र के उपाध्यक्ष श्री चंद्र किशोर श्रीवास्तव जी ने गोष्ठी में उपस्थित 240 माताएं एवं बहनों को संबोधित करते हुए कहा कि पहले संयुक्त परिवार हुआ करता था उसमें दादा-दादी से बच्चे अनुकरण कर सीखते थे परन्तु आज का वातावरण छोटा परिवार का हो गया है इससे बच्चे क्या सीखेंगे?  आग्रह है कि परिवार में हमारा व्यवहार उत्तम रहे जिसका अनुकरण कर भैया बहन संस्कारित और योग्य हो।

 स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य श्री देवेंद्र कुमार सोनी ने आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भैया बहन विद्यालय में मात्र 4 घंटा बिताते हैं बाकी के 20 घंटा घर में माता-पिता के संरक्षण में रहते हैं अतः माता-पिता को चाहिए कि वे उन्हें पुनरावृति अवश्य कराते रहें साथ ही परिवार भाव में रहे अर्थात संस्थान समिति आचार्य परिवार अभिभावक सभी मिलकर भैया बहनों के सर्वांगीण विकास में सहायक हो सकते हैं।

विभाग सहायक केंद्र राम राजपूत जी ने भी उपस्थित माताओं बहनों का मार्गदर्शन किया।  विद्यालय की दीदी श्रीमती रागिनी शुक्ला ने भी संस्कार शिक्षा परिवेश एवं भोजन के संबंध में करणीय विचार रखते हुए कहा कि पौधे की जड़ में पानी देने से वह बढ़ता है उसी प्रकार भैया बहनों का पालन पोषण करना चाहिए। वंदना बैरागी, चंचला थवाईत, शालिनी सिंह, सहित अनेक माताओं ने अपना विचार रखा जिससे भैया बहनों का सर्वांगीण विकास हो सके। इस अवसर पर एक शिशु वाटिका प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया था शिशु वाटिका के माध्यम से खेल खेल में नवाचार शिक्षा दी जाती है उसे संबंधित प्रदर्शनी का अवलोकन अतिथियों सहित उपस्थित माताओं बहनों ने किया। इस प्रदर्शनी का उद्देश्य है कि अध्यापन कराते समय केवल पढ़ाई के अलावा भैया बहनों को विभिन्न कलाओं का ज्ञान कराते हुए उनका सर्वांगीण विकास संभव हो सके। इसमें कक्षा अरुण से लेकर प्रथम तक के भैया बहनों को 12 आयाम जिसमें चित्र पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, बागवानी, घरौंदा, चिड़ियाघर, कला कौशल, कार्यशाला, वस्तु संग्रहालय, रंगमंच, क्रीड़ांगन, तरणताल एवं प्रदर्शनी कक्ष से अवगत कराया जाता है।

कार्यक्रम का संचालन श्रीमती आशा किरण पांडे एवं शिशु वाटिका प्रदर्शनी का संचालन श्रीमती पूर्णिमा कटकवार ने किया।  गोष्ठी में प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम में श्री किशोर कुमार यादव श्री रमेश कुमार यादव, कुमारी मीनाक्षी देवांगन, श्रीमती ममता श्रीवास,  श्रीमती गोमती देवांगन,  श्री चंद्रशेखर प्रसाद तिवारी, श्रीमती पार्वती साहू, श्रीमती ममता तिवारी, श्री बिहारी लाल साहू,  श्रीमती सुशीला तिवारी, श्री कमल सिंह जांगड़े, श्रीमती रागिनी शुक्ला,  विजय कुमार देवांगन श्री सनत कुमार साहू श्री अरुण सिंह कंवर का सराहनीय योगदान रहा।

गोष्ठी में 240 से अधिक माताओं बहनों ने भाग लिया।  जानकारी विद्यालय सनत कुमार साहू ने दिया।

धन्यवाद

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