मित्र ,बन जाते हैं दुश्मन दुश्मन,बन जाते हैं मित्र गिरगिट की तरह रंग बदलती सच मे राजनीति है बड़ी विचित्र
संवाद यात्रा/जांजगीर चांपा/छत्तीसगढ़/अनंत थवाईत
मित्रों आप सबके सामने दो तस्वीर प्रस्तुत कर रहा हूं । एक तस्वीर 1998 का है जब नारायण चंदेल भाजपा प्रत्याशी और मोतीलाल देवांगन कांग्रेस प्रत्याशी के रूप मे पहली बार चुनाव लड़े थे । इस चुनाव मे भाजपा के नारायण चंदेल जीते थे ।
दुसरी तस्वीर वर्तमान भाजपा प्रत्याशी नारायण चंदेल और कांग्रेस प्रत्याशी व्यास कश्यप की है । हालांकि यह तस्वीर भी पुरानी है । पांच बार कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ चुके मोतीलाल देवांगन को इस बार कांग्रेस ने टिकट नहीं दिया और उनके बदले व्यास कश्यप को टिकट दे दिया। कांग्रेस के इस फैसले से चांपा नगर मे तरह तरह की राजनीतिक चर्चा हो रही है । खासकर इस चुनाव मे मोतीलाल लाल देवांगन की क्या भूमिका रहेगी इस बात पर ज्यादा चर्चा हो रही है । कुछ चर्चा अटकलों पर आधारित होती है तो कुछ चर्चा वास्तविकता पर आधारित होती है । फिलहाल हम अटकलों पर हो रही चर्चा और पुरानी तस्वीर को देखकर यही कहेंगे कि...
मित्र ,बन जाते हैं दुश्मन । दुश्मन,बन जाते हैं मित्र
गिरगिट की तरह रंग बदलती सच मे राजनीति है बड़ी विचित्र
कांग्रेस और भाजपा दोनों प्रत्याशियों ने जीत के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है । खासकर चांपा नगर मे अधिक से अधिक वोटों को अपने पक्ष मे कौन कर पाता है ?इस बात पर सभी की निगाहें टिकी हुई है । एक दिन पहले कांग्रेस प्रत्याशी व्यास कश्यप के पक्ष मे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जन सभा को संबोधित किया तो दूसरे दिन उसी स्थान पर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भाजपा प्रत्याशी नारायण चंदेल के पक्ष मे जन सभा को संबोधित किया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के आने के बाद चांपा नगर में कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं का जोश बढ़ा हुआ है। लेकिन जीत किसकी होगी यह परिणाम निकलने पर ही पता चलेगा।






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