चांपा जांजगीर के अलग अलग नाम पर लोगों को भ्रमित करने वाले जरा इस तरह विचार करें.....
संवाद यात्रा/जांजगीर चांपा/छत्तीसगढ़/अनंत थवाईत
हमारे नगर के कुछ लोगों की प्रवृत्ति बन गई है कि वे समय-समय पर चांपा और जांजगीर का उदाहरण देते हुए चांपा मे विकास कार्य न होने की दुहाई देकर जनप्रतिनिधियों को कोसते रहते है ।अभी चुनावी मौसम है ऐसे मे इस प्रकार के लोग कुंए की मेंढक की तरह बैठकर सोशल मीडिया मे अपने विचारों के माध्यम से एक ओर लोगों को भ्रमित करने लगे हैं तो दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों को अयोग्य मान कर चुनाव बहिष्कार की बात करने लगे है । हालांकि विचार व्यक्त करना और चुनाव का बहिष्कार करना उनका अपना अधिकार है । लेकिन ऐसे लोगों से मै निवेदन करता हूं वे चांपा और जांजगीर को केवल नाम के आधार पर विभाजित न करे बल्कि दोनों नगरों की दूरियों के आधार पर आकलन करें । यदि हम दूरियों के आधार पर आकलन करे तो चांपा से आठ दस किलोमीटर की दूरी पर हम सभी बड़े शासकीय कार्यालयों महाविद्यालय एवं अस्पताल को पाएंगे।
यदि हम रायपुर बिलासपुर की तुलना करें तो पाएंगे कि रायपुर के पुरानी बस्ती से सभी बड़े शासकीय कार्यालय , विधानसभा भवन मंत्रालय बड़े अस्पताल बस स्टैंड आदि बीस पच्चीस किलोमीटर से भी अधिक दूरी पर है । ठीक इसी तरह बिलासपुर की बात करें तो जुना बिलासपुर से भी पंद्रह बीस किलोमीटर की दूरी पर सभी बड़े शासकीय कार्यालय ,बस स्टैंड, हाईकोर्ट विश्वविद्यालय आदि है । इस तरह हम कह सकते है कि दूसरे बड़े नगरों की अपेक्षा चांपा मे कम दूरी पर सुविधाएं उपलब्ध है ।







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