संवाद यात्रा/जांजगीर चांपा/छत्तीसगढ़/अनंत थवाईत
जांजगीर-चांपा विधानसभा क्षेत्र मे भाजपा,कांग्रेस,बहुजन समाज पार्टी,आम आदमी पार्टी के साथ ही दर्जन भर से अधिक प्रत्याशी चुनाव मैदान में है लेकिन मुख्य मुकाबला भाजपा प्रत्याशी नारायण चंदेल और कांग्रेस प्रत्याशी व्यास कश्यप के बीच ही है । 1998के विधानसभा चुनाव के बाद यहां एक बार नारायण चंदेल तो एक बार मोतीलाल देवांगन चुनाव जीतते आ रहे है ।इसी के आधार पर मोतीलाल देवांगन फिर एक बार अपना टिकट पक्का मानते हुए परंपरा के अनुसार अपनी जीत की उम्मीद संजोए बैठे थे । लेकिन उनकी उम्मीदों पर पानी उस वक्त फिरा जब कांग्रेस ने व्यास कश्यप को उम्मीदवार घोषित कर दिया। व्यास को टिकट मिलने पर कांग्रेस मे एक तरह से सन्नाटा छा गया लेकिन कोई भी नेता व्यास की उम्मीदवारी का खुलकर विरोध नहीं किया इसका प्रमुख कारण है कि व्यास कश्यप पर भरोसा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने किया। व्यास का विरोध यानि मुख्यमंत्री का विरोध करना होता इसलिए कांग्रेस के क्षेत्रीय नेताओं खासकर जो टिकट पाने की लाइन मे थे उन्होंने चुप्पी साध रखी ।
इधर कांग्रेस नेताओं की इस चुप्पी को भाजपा ने अपने पक्ष मे माहौल बनाने मे कोई कसर नहीं छोड़ी। शुरू शुरू मे तो ऐसा लगा कि भाजपा एक तरफा जीत रही है । लेकिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के संदेश मिलते ही कांग्रेस नेता सक्रिय हो गए और सभी अपने अपने स्तर पर कांग्रेस की जीत के लिए काम करना शुरू कर दिए।कांग्रेस की इस सक्रियता के बाद अब जांजगीर-चांपा विधानसभा का चुनाव,"तू डाल डाल तो मै पात पात "कहावत को चरितार्थ करने लगा है। कांग्रेस और भाजपा अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक मतदाता तक पहुंचने का प्रयास कर रहे हैं । चूंकि इस बार चांपा नगर से प्रत्याशी नहीं है इस कारण भाजपा को चांपा से बढ़त की उम्मीद है तो दूसरी और कांग्रेस के लिए चांपा मे अपनी बढ़त बनाए रखने की चुनौती है ।
चुनावी परिदृश्य मे चांपा नगर को देखा जाय तो नब्बे की दशक मे जब भाजपा के बलिहार सिंह चुनाव जीते, विधायक बनने के बाद वे मंत्री बने तब भी चांपा नगर मे कांग्रेस को लगभग उन्नीस सौ वोटो की बढ़त मिली थी । 1998 के बाद जब जब नारायण चंदेल और मोतीलाल देवांगन चुनाव जीतते हारते थे तो भी चांपा में कांग्रेस को बढ़त मिलती थी । लेकिन इस बार भाजपा मजबूती के साथ चांपा नगर मे सक्रिय है और उसे यहां से अपनी बढ़त की उम्मीद है यही कारण है कि यह माना जा रहा है कि चांपा मे कांग्रेस की बढ़त बनाए रखने के लिए पूर्व विधायक मोतीलाल देवांगन, पूर्व पालिकाध्यक्ष राजेश अग्रवाल और वर्तमान पालिकाध्यक्ष जय थवाईत की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।







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