आत्मानंद अंगरेजी इसकुल खोले के निरनय ले श्रेय लेवइया नेता मन के आत्मा आनंदित होगे | आऊ इहां के स्वतंत्रता सेनानी ,शहीद जवान के आत्मा अचंभित होगे | आत्मानंद इसकुल आऊ समारू पहारू के गोठ

संवाद यात्रा /जांजगीर-चांपा /छत्तीसगढ़ /अनंत थवाईत

                    

                      समारू पहारू के गोठ 

समारू ..... भइया सुने हस हमर गांव के सबले जुन्ना इसकुल म अब आत्मानंद अंगरेजी इसकुल खुलही । 

पहारू..... हां भाई सुने हांवव । आत्मानंद इसकुल खोले के ये निरनय हर बड़ सुग्घर निरनय हावय । हमर प्रदेश के मुखिया भूपेश बघेल गांव ल सुग्घर सौगात देहे हावय । अब ये इसकुल म गरीब मनखे के लइका मन घलव सुग्घर अंगरेजी म पढ़ाई करही । 


समारू..... तोर कहना हर सही हावय भइया । हमर गांव म आत्मानंद अंगरेजी इसकुल खोल के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल हर सुग्घर काम करे हावय । लेकिन ये इसकुल ल खोले के श्रेय लेहे बर स्थानीय नेता मन के आत्मा हर बेंगवा कस कुदत हावय । 

पहारू..... त का होगे जब ये नेता मन आत्मानंद इसकुल खोले बर उदिम करे हावय त अपन उदिम के परचार परसार करबेच करही ।ये मा कुछु गलत नोहय । 


समारू..... कुछु गलत नोहय भइया लेकिन ये नेता मन नवा भवन बनवाके आत्मानंद इसकुल खोलतिस त ये मन ल सही म श्रेय मिलतिस लेकिन जुन्ना इसकुल के पहिचान मिटाके श्रेय लेबो कहि त श्रेय नइ मिलय बल्कि श्राप मिलही । आऊ फेर ये इसकुल के पाछु का  राजनीति चलत हे जानत हस ? 

पहारू..... येमा  राजनीति के का बात हे भाई ? 


समारू..... राजनीति के बातेच हे भइया ..! एक तो जउन जुन्ना इसकुल म ये नवा इसकुल खुलही वो इसकुल के पहिचान बदल जाही । दूसर ये इसकूल के नामकरण इहां के स्वतंत्रता सेनानी डा.शांतिलाल गोपाल, नारायण बाजपेई चाहे शहीद सुधीर पाठक के नाम म होना रहिस विद्यार्थी परिषद घलव हर ये इसकुल के नामकरण सुभाष चन्द्र बोस के नाम करे बर मांग करे रहिस लेकिन कोनो नेता मन ये मांग ल पुरा करे के परयास नइ करिन । अब तो ये इसकुल के नामकरण के गुंजाइश भी खतम होगे अब ये इसकुल ल आत्मानंद अंगरेजी इसकुल के नाम ले जाने जाही । 

पहारू..... ठीक कहत हस भाई ये तो बड़ भारी राजनीति होगे । आऊ ये कहावत भी चरितार्थ होगे कि "सांप भी मर जाय आऊ लाठी भी झन टूटे" अब  गांव के नेता आऊ सब मनखे के धियान आत्मानंद अंगरेजी इसकुल म अटक गे । अब कोनो ये जुन्ना इसकुल के नामकरण बर धियान नइ देवय आऊ ये इसकुल ल अब आत्मानंद इसकुल के नाम म जाने जाही ।

समारू.....  तेकरे सेति तो मैं कहत हांवव कि आत्मानंद अंगरेजी इसकुल खोले के निरनय ले श्रेय लेवइया नेता मन के आत्मा आनंदित होगे|आऊ इहां के स्वतंत्रता सेनानी, शहीद जवान के आत्मा अचंभित होगे |



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