प्रेस क्लब के पंजीयन का उपयोग तो किया ही साथ ही सत्यम शिवम सुंदरम लिखे हुए प्रेस क्लब के प्रतीक चिन्ह भी बदल डाले प्रेस क्लब की लड़ाई व्यक्तिगत नहीं बल्कि सिद्धांतों की लड़ाई है : अनंत थवाईत

संवाद यात्रा जांजगीर-चांपा छत्तीसगढ़ अनंत थवाईत 

प्रेस क्लब चांपा के विवाद के बीच सहायक पंजीयक फर्म एवं संस्थाएं द्वारा की सुनवाई एवं टिप्पणी आने के बाद प्रेस क्लब के दोनों पक्षों का अपने अपने तर्क आने शुरू हो गए हैं और दोनों पक्ष सहायक पंजीयक की टिप्पणियों को अपने अपने पक्ष मे बताते हुए समाचार जारी कर रहे हैं । जिससे नगर के लोगों के बीच भी जिज्ञासा बनी हुई है आखिर प्रेस क्लब का यह विवाद क्यों है ? क्या यह व्यक्तिगत लड़ाई है ? लोगों के इस जिज्ञासा को देखते हुए प्रेस क्लब चांपा के संस्थापक सदस्य एवं अध्यक्ष अनंत थवाईत ने दूर करने का प्रयास करते हुए कहा है कि प्रेस क्लब की लड़ाई व्यक्तिगत लड़ाई नहीं है। यह प्रेस क्लब के सिद्धांतों की लड़ाई है । 

अनंत थवाईत ने आगे कहा कि कुलवंत सिंह सलूजा हमारे पुराने साथी हैं और हमने अखिल भारतीय पत्रकार परिषद, चांपा पत्रकार संघ , ग्रामीण पत्रकार एसोशिएशन, राष्ट्रीय पत्रकार मोर्चा, श्रमजीवी पत्रकार संघ आदि पत्रकार संगठनों मे एक साथ रहे हैं । 

रहा सवाल प्रेस क्लब चांपा का तो प्रेस क्लब चांपा के पंजीयन के समय कुलवंत सिंह सलूजा सदस्य नहीं थे। इस बात की पुष्टि सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं बिलासपुर से जारी पंजीयन प्रमाण पत्र और क्लब के संस्थापक सदस्यों की सूची से स्पष्ट हो जाता है ‌। 

बाद मे कुलवंत सिंह सलूजा ने अपने आपको प्रेस क्लब अध्यक्ष बताते हुए हमारे पंजीयन क्रमांक का उपयोग करते हुए शासन से भूमि की मांग करते हुए लाभ लेने की कोशिश की तब हमने आपत्ति लगाई और संबंधित विभागों मे पत्राचार किया। 

प्रेस क्लब के संस्थापक सदस्य एवं अध्यक्ष अनंत थवाईत ने आगे कहा कि कुलवंत सिंह सलूजा द्वारा एक ओर हमारे पंजीयन क्रमांक का उपयोग करते हुए अपनी गतिविधियां जारी रखा गया तो दूसरी ओर उन्होंने हमारे प्रेस क्लब के चिन्ह को भी बदल डाला । जबकि किसी संस्था का चिन्ह भी पहचान के लिए महत्वपूर्ण होता है । अनंत थवाईत ने आगे कहा कि हमने पंजीयन के समय से ही प्रेस क्लब चांपा का प्रतीक चिन्ह बनवाया था। कलम के साथ सत्यम शिवम सुंदरम लिखे हुए इस प्रतीक चिन्ह को कला सदन के अमृत गुप्ता ने डिजाइन किया और मधु प्रेस ने प्रिंट किया था। लेटर पेट मे इसी प्रतीक चिन्ह का उपयोग करते हुए हमने शासकीय कार्यालयों मे पत्रचार किया था और शपथ ग्रहण का निमंत्रण पत्र छपवाया था ।

अनंत थवाईत ने आगे कहा कि कुलवंत सिंह सलूजा द्वारा लेटर पेड मे उपयोग किया जाने वाला चिन्ह को किसने बनाया है हमे नहीं मालूम।

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