जब से छूटा गांव गांव को भूला कभी नही.. "एक शाम : डा. चित्तरंजन कर के नाम" संपन्न:
संवाद यात्रा/जांजगीर-चांपा/छत्तीसगढ़/अनंत थवाईत
गत विगत 16 जुलाई को वृंदावन हाल रायपुर में शिक्षाविद्, भाषाविद् , वैयाकरण, वरिष्ठ साहित्यकार, गीतकार -संगीतकार डा.चित्तरंजन कर के 78 वें जन्मदिवस के अवसर पर भव्य आयोजन किया गया।
हिंदी साहित्य भारती छत्तीसगढ़ के तत्वावधान में आयोजित"एक शाम डा.चित्तरंजन कर के नाम," के मुख्य अतिथि पूर्व आई ए एस तथा वरिष्ठ साहित्यकार डा. सुशील त्रिवेदी थे। प्रसिद्ध नवगीतकार डा.अजय पाठक ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की । कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि हिंदी साहित्य अकादमी के अध्यक्ष शशांक शर्मा,वरिष्ठ साहित्यकार गण गिरीश पंकज , डा. माणिक विश्वकर्मा नवरंग तथा डा.देवधर महंत थे। इस अवसर पर हिंदी साहित्य भारती के अतिरिक्त समन्वय परिवार छत्तीसगढ़, संकेत साहित्य समिति , छत्तीसगढ़ साहित्य एवं संस्कृति संस्थान , जय जोहार संस्थान तथा इतर संस्थाओं एवं वैयक्तिक रूप से विभिन्न हस्ताक्षरों द्वारा डा. चित्तरंजन कर का भावभीना सम्मान किया गया ।
प्रारंभ में हिंदी साहित्य भारती छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष बलदाऊराम साहू ने आयोजन संदर्भ पर प्रकाश डालते हुए स्वागत भाषण दिया। डा. कर की दुहिता डा.विभाषा मिश्र ने डा. चित्तरंजन कर का परिचय वृत्त रेखांकित किया। तदनंतर संबोधन का क्रम चला।
इस अवसर पर डा. चित्तरंजन कर ने अपने अनेक गीत ,ग़ज़ल तथा भजन डा.चित्तरंजनप्रस्तुत किए। तबले पर संगत सोनू विश्वकर्मा और रूपेन्द्र श्रीवास्तव ने की। डा.कर ने अपनी प्रस्तुति की श्रृंखला में अपनी जन्मभूमि ग्राम पैकिन (सरायपाली) की स्मृतियों से जुड़ा भावपूर्ण गीत सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया।
"जब से छूटा गांव , गांव को भूला कभी नहीं। पीपल की वो छांव ,छांव को भूला कभी नहीं।"
इस अवसर पर सुरेन्द्र रावल ,अरविंद मिश्र ,अशोक तिवारी,डा. सुधीर शर्मा, स्वराज्य करुण, राहुलकुमारसिंह डाँ. नरसिंह यादव, रामेश्वर शर्मा ,अरुण निगम, शशांक खरे ,बंधु राजेश्वर खरे ,मोहनलाल निर्दोष , राम पटवा ,सुमन शर्मा बाजपेई , राजकुमार मसंद , डा.शैल शर्मा , डा.जयभारती , ललिता भावे , डा. कुमुदिनी , डा.रामेश्वरीदास , डा. शारदा सिंह , अजय साहू , ऋतुराज साहू , मुन्ना लाल देवदास , आकाश शर्मा , गुलशन वर्मा, मोहित यदु प्रभृति सहित छत्तीसगढ़ के कोने - कोने से साहित्यकार , प्रोफेसर तथा अन्य उपस्थित हुए। समन्वय साहित्य परिवार छत्तीसगढ़ बिलासपुर केंद्र की ओर से अध्यक्ष डा.गंगाधर पटेल , सनत तिवारी , राजीव नयन शर्मा तथा आनंदप्रकाश गुप्ता आदि विशेष रूप से उपस्थित रहकर डा.कर को शाल और श्रीफल से सम्मानित किए। इस प्रसंग में डा. कर की दुहिता विभूति त्रिपाठी मुंबई से तथा दौहित्री अंतरराष्ट्रीय ओडिसी नृत्यांगना आर्या नंदे सारंगढ़ से , ज्येष्ठ पुत्र विवेक शर्मा तथा अर्द्धांगिनी माधुरी कर एवं इतर परिवारजनों की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।
कार्यक्रम का सफल संचालन और आभार प्रदर्शन दिनेश गौतम ने किया।









बहुत बहुत बधाई सदैव स्वस्थ रहें।
जवाब देंहटाएंउनकी छाया और आशीष कृपा मिलती रहे।
अनंत शुभकामनाएँ।
वरिष्ठ विद्वान भाषाविद को सम्मानित करना अपने आप में गौरवान्वित होना है।