मीडिया हाउस के "सुलगते सवाल" कार्यक्रम मे प्रत्याशियों की अनुपस्थिति ही सवाल भी और जवाब भी
संवाद यात्रा/जांजगीर-चांपा/छत्तीसगढ़/अनंत थवाईत
मीडिया हाउस के इस कार्यक्रम मे जनप्रतिनिधियों के न पहुंचने से एक ओर आयोजकों को निराशा हुई तो दूसरी ओर जनप्रतिनिधियों की अनुपस्थिति भी चर्चा का विषय बन गई. कार्यक्रम की सफलता और ज्वलंत समस्याओं के प्रति लोगों मे जागरुकता लाने के उद्देश्य से मीडिया हाउस के पत्रकार साथी गत एक सप्ताह से नगर मे घूम घूम कर मेहनत कर रहे थे . और अंतिम दिन चौपाटी मे साजो-सामान के साथ "सुलगते सवाल" के नाम से जनप्रतिनिधियों और नागरिकों के लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए थे . लेकिन इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम मे कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी उपस्थित नहीं हुए और न ही इस कार्यक्रम मे उन्होने अपना प्रतिनिधि भेजा. इधर जनता अपने जनप्रतिनिधियों से सवाल पुछने के लिए बेताब थे लेकिन जनप्रतिनिधियों के न आने से से उन्हें भी मायुस होना पड़ा.कार्यक्रम के अंतिम मे पालिकाध्यक्ष का चुनाव लड़ने वाले कांग्रेस के बागी निर्दलीय प्रत्याशी उपकार सिंह ढिल्लों जरुर पहुंचे थे. तरह तरह के चर्चा के बीच जैसे तैसे मीडिया हाउस के साथियों ने कार्यक्रम संपन्न किया.
"सुलगते सवाल" कार्यक्रम में कांग्रेस और भाजपा के अध्यक्ष प्रत्याशी की अनुपस्थिति सवाल भी बना और जवाब भी "
मीडिया हाउस द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में कांग्रेस के अध्यक्ष प्रत्याशी राजेश अग्रवाल और भाजपा प्रत्याशी प्रदीप नामदेव के न आने से नागरिकों के बीच सवाल उठने लगा कि आखिर दोनों प्रत्याशी कार्यक्रम मे क्यों नहीं पहुंचे ? इस सवाल का जवाब भी मिला दर असल भाजपा के प्रदीप नामदेव के पालिकाध्यक्ष बनने और कार्यकाल पूरा करने के पश्चात कांग्रेस के राजेश अग्रवाल पालिकाध्यक्ष बने थे. पालिकाध्यक्ष रहते राजेश अग्रवाल ने पूर्व पालिकाध्यक्ष के रूप में प्रदीप नामदेव को हमेशा महत्व दिया और सम्मान पूर्वक सार्वजनिक मंच पर बैठाते रहे .इधर भाजपा के पूर्व पालिकाध्यक्ष के रूप मे प्रदीप नामदेव ने भी कांग्रेस के पालिकाध्यक्ष राजेश अग्रवाल के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला . दोनों के बीच मधुर संबंध नगर मे हमेशा चर्चा का विषय रहा .और लोग कहते रहे कि पालिका मे आपसी भाईचारा के आधार पर काम होता है दलगत आधार पर दोनों नेताओं ने एक दूसरे के खिलाफ कभी कुछ नहीं बोला . मीडिया हाउस के कार्यक्रम मे दोनो प्रत्याशी का न पहुंचना भी इनकी रणनीति का हिस्सा है . यदि दोनों पहुंचते तो नागरिक इनसे सवाल जरूर पूछते और सवाल जवाब के चक्कर मे दोनो नेताओं के समर्थकों मे वाद विवाद छिड़ जाता.इस कारण दोनों प्रत्याशियों ने कार्यक्रम से अपनी दूरी बना ली.
"एक लेखक और नवोदित पत्रकार ने मीडिया हाउस के कार्यक्रम को फीका किया"
मीडिया हाउस के पत्रकार साथियों ने कार्यक्रम की सफलता के लिए बहुत मेहनत किया था, लेकिन नगर के एक लेखक और नवोदित पत्रकार के कारण कार्यक्रम थोड़ा फीका पड़ा.दरअसल मीडिया हाउस ने इस कार्यक्रम में किसी को मुख्य अतिथि और विशिष्ट नहीं बनाया था . लेकिन उक्त नवोदित पत्रकार ने एक डाक्टर को मुख्य अतिथि और कुछ लोगों को विशिष्ट अतिथि बताकर आमंत्रण भेज दिया.इससे भी लोगों मे भ्रम की स्थिति निर्मित हुई और गणमान्य नागरिकों की उपस्थिति कम हो गई.








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