कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच (छ.ग.) के तत्वाधान में नव रात्रि पर्व पर छठवां कवि सम्मेलन संपन्न । राष्ट्र के विकास में साहित्य और समाज की महत्वपूर्ण भूमिका -- राम रतन श्रीवास



संवाद यात्रा / जांजगीर-चांपा/अनंत थवाईत

कन्नौजिया श्रीवास समाज  साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ के तत्वधान में रविवार को कवि सम्मेलन का भव्य कार्यक्रम पं. मुकुटधर पाण्डेय साहित्य भवन कोरबा में संपन्न हुआ । कार्यक्रम की अध्यक्षता राम रतन श्रीवास के द्वारा की गई ।कार्यक्रम के प्रारंभ में मांँ वीणापाणी को नमन करते हुए मेनका श्रीवास ने बहुत ही सुरीली आवाज में सरस्वती वंँदना की । इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में छत्तीसगढ़ एवं कोरबा क्षेत्र के जाने-माने साहित्यकार, लेखक एवं कवि डॉ. माणिक विश्वकर्मा "नवरंग" , विशिष्ट अतिथि, जनाब युसूफ दानियाल पुरी , पं. मुकुटधर पाण्डेय साहित्य भवन के अध्यक्ष दिलीप अग्रवाल  , अंजना ठाकुर, गीता विश्वकर्मा "नेह", गायत्री शर्मा "प्रीत" जे.पी. श्रीवास्तव जी की गरिमामयी  उपस्थिति रही। इस साहित्यिक मंच के संस्थापक एवं संयोजक इंजीनियर रमाकांत श्रीवास ने अपने उद्बोधन में कहा कि "साहित्य और समाज को बढ़ाने के लिए इस मंच का निर्माण किया गया है जो एक नई दिशा एवं आयाम स्थापित करेगा"। श्रीवास समाज सामाजिक भवन अंजनी कुंज कोरबा के अध्यक्ष मोहन लाल श्रीवास जी ने कहा "साहित्य समाज का दर्पण" होता है, निश्चित ही यह हमारे समाज के लिए गौरव की बात है । हमने जो सपने अस्सी के दशक में देखे थे वह आज पूरे होते हुए नजर आ रहा हैं। मुख्य अतिथि डॉक्टर माणिक विश्वकर्मा "नवरंग" जी ने कहा यह समाज का पहला कवि सम्मेलन साहित्य और समाज के क्षेत्र में समग्र विकास के लिए निश्चित ही सफलता प्राप्त करेगा। मैं इस समाज को हार्दिक बधाई प्रेषित करता हूंँ।  विशिष्ट अतिथि जनाब युसूफ दानियाल पुरी ने अपने साहित्यिक शायराना अंदाज में इस समाज के प्रबुद्ध वर्गों को मुबारकबाद देते हुए इसे ऐतिहासिक पल बताया। इस मंच के सह संस्थापक एवं अध्यक्ष राम रतन श्रीवास (बिलासपुर) ने इस साहित्यिक मंच के निर्माण से लेकर अभी तक के सारे कार्यक्रमों का वर्णन करते हुए संघर्ष से सफलता की राह को बताया साथ ही साथ यह ऐतिहासिक पल श्रीवास समाज के लिए स्वर्ण अक्षरों से लिखा जाएगा। राष्ट्र के विकास में साहित्य और समाज की महत्वपूर्ण भूमिका होती है ऐसा उन्होंने उद्बोधन में कहा। कार्यक्रम के प्रारंभ में इस मंच के महासचिव डॉ. हितेंद्र श्रीवास ने अतिथियों का स्वागत किया और उद्बोधन की कड़ी को बहुत ही शायराने अंदाज में संचालित किया ,साथ ही साथ कोषाध्यक्ष रविशंकर श्रीवास ने सभी विशिष्ट जनों के उद्बोधन पर आभार प्रकट किया। 

             तत्पश्चात काव्य पाठ करने का शिलशिला आरम्भ हुआ जिसका संचालन इंजी. रमाकांत श्रीवास ने किया। इस कार्यक्रम में एक-एक करके सभी क्षेत्रों से आये कवियों ने अलग अलग अंदाज में विविध क्षेत्र जैसे हास्य  कविता , गजल , दोहा,  छंद के माध्यम से कवि सम्मेलन मैं शमां बांधे  रक्खा । व्यास नारायण श्रीवास , शत्रुघ्न श्रीवास , राधारमण श्रीवास , मनीराम श्रीवास , लक्ष्मण श्रीवास ,संतोष श्रीवास ,आशा आजाद , किरण सोनी , द्रौपदी साहू ,प्रभात शर्मा, बलराम राठौर  ,शिवकुमार साहू , जितेंद्र वर्मा  , जलबाई साहू , सीयाबाई सभी ने शानदार अपने - अपने क्षेत्र में अद्वितीय भूमिका निभाई । बिलासपुर ,कोरबा एवं रायगढ़ जिले से आए हुए भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति रही। काव्य पाठ के बीच बीच में कवियों के उत्साह वर्धन के लिए दर्शकों द्वारा वाह-वाह और तालियों से  गुंजायमान हो उठाता । सभी अतिथियों ,कवियों प्रतिभागियों और विशिष्ट योगदान के लिए इस साहित्यिक मंच के माध्यम से प्रशस्ति पत्र प्रदान की गई। अंत में  कन्नौजिया श्रीवास समाज साहित्यिक मंच छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष राम रतन श्रीवास ने मंच में उपस्थित अतिथियों एवं कवियों को, साथ ही साथ दर्शक दीर्घा में बैठे सभी गणमान्यों को धन्यवाद देते हुए आभार प्रदर्षित किया, जिन्होंने अपना बहुमूल्य समय देकर उपस्थिति दी।सभी के जीवन में खुशहाली हो ,सभी स्वस्थ रहे, एक दूजे का साथ सदैव निभाते रहे ,सबका साथ ,सबका विकास ,सबका विश्वास के साथ पुनः मिलने की आशा और विश्वास की बात कहते हुए अध्यक्ष ने सभी को आने वाले त्यौहार दशहरा एवं दीपावली की अग्रिम बधाई इस साहित्यिक मंच की ओर से प्रेषित किया । इस कार्यक्रम का संचालन कर रहे डॉ.हितेंद्र श्रीवास एवं इंजीनियर रमाकांत श्रीवास ने बहुत ही शानदार खुशनुमा अंदाज में मंच का संचालन किया ।



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