असल जिंदगी में देवी दुर्गा-सी कहानियां को मूर्त रूप देने वाली प्रतिभाशाली सुनीता ।
शशिभूषण सोनी चांपा की क़लम से
संवाद यात्रा / जांजगीर-चांपा । ईश्वर ने जब मनुष्य को पृथ्वी पर जन्म दिया तो उन्होंने सोचा कि वो सभी के साथ तो रह नहीं सकतें ? इसलिए उन्होंने अपना एक रूप माँ,बहन, बेटी अर्थात् जगदम्बा के रूप में पृथ्वी पर भेज दिया। वास्तव में माँ करुणा की देवी हैं, एक तरफ से देखा जाय तो माँ के बारे में जितना भी लिखा जाएं तो कम होगा।क्यूंकि माँ की परिभाषा अपरिभाषित हैं। मानव जीवन की शुरुआत बचपन से होती हैं और अंत में बुढ़ापे के साथ समाप्त हो जाती हैं। कल्पनाशीलता और सौंदर्य की धनी श्रीमति सुनीता-राजीव सोनी, संबलपुर कुछ ना कुछ करके लोगों को आकर्षित करती रहती हैं । नवरात्रि पर्व पर अत्याचारी असुरों का नाश करने मां दुर्गाजी का रुप धारण करके अपनी प्रतिभा दिखाई। तालिओं की गड़ड़ाहट के बीच कड़े मुकाबले में दोनों ने खिताब अपने नाम करने के लिए जीजान लगा दिया।
एक धार्मिक कथानुसार अत्याचारी असुर महिषासुर ने अपने बल और पराक्रम से स्वर्गलोक देवताओं से छीन लिया था।तब सारे देवी-देवताओं ने मिलकर भगवान विष्णु और शिवजी से सहायता मांगने और अपनी बात रखने गये। पूरी खबरें जानकर भगवान विष्णु और शिवजी क्रोधित हो उठे और तब उन सभी के मुख से दिव्य तेज़ प्रकट हुआ।एक नारी का सृजन और इसी नारी ने दिव्य अस्त्र-शस्त्र धारण किया, जिसे दुर्गा कहा गया।
शस्त्रों से सुसज्जित मां दुर्गाजी ने असुर महिषासुर से भीषण युद्ध किया और उसे परास्त करके उसका वध कर दिया। इसके पश्चात् मां दुर्गा ने स्वर्गलोक पुनः देवताओं को सौप दिया। बलशाली महिषासुर का वध करने के बाद भगवती दुर्गा महिषासुरमर्दिनी के नाम से प्रसिद्ध हुईं।
शशिभूषण सोनी ने बताया कि असल जिंदगी में यह किरदार सुनीता सोनी ने दिखाकर अपनी प्रतिभा और कला को प्रदर्शित की हैं। लोगों के बीच पहचान बनाने से कहीं ज्यादा मुश्किल काम होता हैं, अपनी पहचान बनाना। मूलतः चांपा [छत्तीसगढ़] की रहने वाली सुनीता सोनी बहू रानी ने सिर्फ कला ही नहीं बल्कि फ़ैशन, धार्मिक, सामाजिक और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए संबलपुर { उड़ीसा } में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुई हैं। आपकी चेहरे पर सदा यूँ ही मुस्कान रहे और भगवान आपको सदा ख़ुश रखे।






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