राजापारा बावा घाट मोहल्ले की महिलाओं ने धूमधाम से मनाई गौरी रानी पूजा महोत्सव राजमहल की बड़ी रानी ने पूजा-अर्चना कर दी विसर्जन यात्रा को विदाई

चांपा - संवाद यात्रा अनंत थवाईत 

नगर के राजा पारा बावा घाट के पास निवासरत महिलाओं ने  गौरी रानी की पूजा उत्सव बड़े धूमधाम से आयोजित की । 13 अक्टूबर सप्तमी को महिलाओं ने बाजे गाजे के साथ गौरीशंकर प्रतिमा की विसर्जन यात्रा निकाली । बावा घाट से निकलकर सबसे पहले विसर्जन यात्रा राजमहल पहुंची जहां कुंवर भिवेन्द्र बहादुर सिंह की धर्म पत्नी  (राजमहल की बड़ी रानी ) ने विधि-विधान से गौरीशंकर की प्रतिमा की पूजा अर्चना की और विदाई दी । तत्पश्चात विसर्जन यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए हसदेव नदी के डोंगा घाट तट पहुंची जहां महिलाओं ने पारंपरिक रूप से गौरीशंकर की  पूजा अर्चना करने के बाद नदी की बहती जलधारा मे प्रतिमा को प्रवाहित किया ।


राधाकृष्ण कीर्तन मंडली की सदस्य श्रीमती कविता थवाईत श्रीमती गायत्री ठाकुर श्रीमती उतरा थवाईत  श्रीमती पुष्पा थवाईत ने बताया कि बर्षों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए गौरी रानी पूजा महोत्सव को आयोजित किया जाता है । सबसे पहले नारियल लेकर मुर्तिकार कुंभकार के पास जाकर प्रतिमा निर्माण के लिए अनुरोध किया जाता है । फिर राजमहल जाकर रानियों को नारियल भेंट करते हुए गौरी रानी पूजा के लिए न्यौता देते हैं । 

पूजा का फूल विसर्जन अलग-अलग घाटों मे ..

तिथि के अनुसार नवरात्र पर्व कभी आठ दिन तो कभी नौ दिन की होती है लेकिन गौरी रानी की  पूजा पूरे सात दिन की होती है । प्रत्येक दिन पूजा के पश्चात शाम को रामबांधा तालाब के अलग-अलग घाटों मे पूजा का फूल विसर्जन किया जाता है । और अंतिम दिन नदी मे फूलों को विसर्जित किया जाता है । 

बिनु महराज (पाठक) के आचार्यत्व मे हुए उक्त गौरी रानी पूजा महोत्सव के दौरान प्रतिदिन कीर्तन मंडलियों द्वारा कीर्तन भी किया गया । उक्त गौरी रानी पूजा महोत्सव के आयोजन मे श्रीमती कृष्णा सोनी श्रीमती बुधवारा बाई श्रीमती मंजू थवाईत श्रीमती यशोदा सोनी श्रीमती प्रीति राजपूत श्रीमती सीमा थवाईत श्रीमती रजनी यादव श्रीमती किरण थवाईत श्रीमती विद्या राजपूत श्रीमती सोनी सोनी श्रीमती लीना राजपूत श्रीमती त्रिवेणी थवाईत श्रीमती सुभद्रा दुबे श्रीमती अंजोरा पटेल श्रीमती रुखमिन यादव आदि का विशेष सहयोग रहा ।



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