भावनात्मक पर्व: विजयादशमी में बही प्रेम और स्नेह की सलिला< मिठाई के साथ-साथ बधाई
शशिभूषण सोनी की क़लम से•••
अधर्म पर धर्म की विजय,
असत्य पर सत्य की विजय,
बुराई पर अच्छाई की विजय,
पाप पर पुण्य की विजय,
अत्याचार पर सदाचार की विजय,
क्रोध पर दया, क्षमा की विजय,
अज्ञान पर ज्ञान की विजय !
( चांपा संवाद यात्रा ) रावण ने सीता का हरण किया था और इस अपराध की सज़ा देने के तौर पर भगवान श्रीरामचन्द्र जी को धनुष-बाण उठाकर रावण का वध करना पड़ा था।
विजयादशमी हमारे देश का सांस्कृतिक एवं भावनात्मक पर्व हैं। उत्साह और उमंग के साथ मनाना हम-सब लोगों का अधिकार के साथ कर्तव्य भी हैं।बड़े आयोजनों से इतर सोनी कालोनी, चांपा के लोगों ने छोटे-छोटे चार रावण बनाएं थे। सुबह से ही बच्चें आपस में बातचीत कर रहे थे कि कौन-सा रावण पहले जलेगा ? दक्षिणमुखी हनुमान मंदिर स्थित सोनी कालोनी, चांपा में एक-एक करके चारों रावणों के पुतले का दहन किया गया। जय-जयकार और बाल दर्शकों की तालियों से वातावरण में हर्षोल्लास मय बन गया।
स्वर्ण एवं रजत समिति के सचिव शशिभूषण सोनी ने बताया कि विजयादशमी में सोनपत्ती का विशेष महत्व हैं। कालोनी-वासियों ने रावण के पुतले दहन के बाद एक-दूसरे को सोन-पत्र प्रेषित किया और मिठाई खिलाकर शुभकामनाएं दी। इस तरह उत्साह और उमंग के साथ फैमली और परिवार के संग सेल्फी लेते हुए एंजांय किये।आप सबको भी अहंकारी रावण पर मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र जी की विजय के प्रतीक पावन पर्व विजयदशमी की हार्दिक बधाई एवं शुभकामना।






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