हिन्दी दिवस पर विशेष : राजेश कुमार सोनार की कविता "हमारी हिन्दी"
हमारी हिन्दी (कविता )
हिन्दुस्तान की धरती पर
जिस भाषा का अवतार हुआ,
बनकर जो जन जन की भाषा,
हर दिल को स्वीकार हुआ,
वैज्ञानिक आकृति है इसकी,
अक्षर सभी निराले हैं,
जो मात्रा वह ही उच्चारण,
यह बतलाने वाले हैं,
देवनागरी लिपि है इसकी,
संस्कृत इसका श्रोत है,
भाव शब्द से ही दर्शाने,
वाली भाषा ज्योत है,
नाम है हिन्दी भाषा इसका,
जिससे हमको प्यार है,
इसके शब्दों को हर भाषा,
करता अंगीकार है,
कमी नहीं है कोई इसमें,
अत: सभी को भाती है,
भारत देश की है यह अद्भुत,
अनुपम देन व थाती है,
करने से प्रयोग क्यों इसका,
क्यों आखिर घबराते हैं,
गैर देश की भाषा का हम,
क्यों सम्मान बढ़ाते हैं,
बिन अपनी भाषा प्रयोग के,
भारत सदा अधूरा है,
निज भाषा को अपनाकर,
करना इसको पूरा है,
अपनी धरती अपनी भाषा ,
की पहचान बढ़ना है,
हिन्दी भाषा वाली हमको,
हिन्दुस्तान बनाना है।
राजेश कुमार सोनार
सांईभूमि, बिलासपुर छत्तीसगढ़








संकलनिय कविता 🙏
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