जनता पुकार रही है .....! सोए हैं महंत जी और सोए हैं बघेल मैदान मे उतरो आदरणीय अजगले और आदरणीय चंदेल
जनता पुकार रही है (कविता)
चांपा की सड़कों के गड्ढों मे
रोज होता हादसों का दर्दनाक खेल.
सोए है आदरणीय महंत जी
और सोए हैं आदरणीय बघेल.
इनको हमें जगाना है
मैदान मे उतरो ,सामने आओ
आदरणीय सांसद अजगले,
और आदरणीय विधायक चंदेल.
लोगों का हाथ पैर टूट रहा है
अब सब्र का बांध टूट रहा है.
कुछ भी करने को तैयार हैं
भले ही अब जाना पड़े जेल.
सड़कों मे भरा है पानी
अधिकारी भी कर रहे मनमानी
सुनाते हैं वे आश्वासन की कहानी
इन पर भी कस के डालो नकेल.
जनता पुकार रही है
उनकी पुकार सुनो अब तो
आदरणीय सांसद अजगले
और आदरणीय विधायक चंदेल.
अनंत थवाईत चांपा








नेता लोगो को जगाना है ।
जवाब देंहटाएंसोये है ही क्यो है कि जगाना पड़े जब नागरिकों के हित के लिए चुने गए है तो हमेशा ततपर रहे और आम जनता को भयावह स्थिति में न आने दे कि उन्हें सड़क पर आना पड़े।
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