श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया डोल ग्यारस का पावन पर्व शिवरीनारायण में नगर वासियों ने जगह-जगह पर की भगवान की पूजा अर्चना श्रद्धालुओं की भीड़ भव्य शोभायात्रा के साथ महानदी की त्रिवेणी संगम तट तक गई,भगवान को नौका विहार कराया गया



( संवाद यात्रा शिवरीनारायण ) श्रद्धा एवं विश्वास की पावन धरा श्री शिवरीनारायण में डोल ग्यारस एकादशी का पर्व बड़ी श्रद्धा भक्ति पूर्वक मनाया गया नगर वासियों के साथ क्षेत्र के अनेक गांवों तथा बिलासपुर, जांजगीर, मालखरौदा, अकलतरा, खरौद, नवागढ़, आदि नगरों से आए हुए श्रद्धालुओं ने शोभायात्रा में शामिल होकर पुण्य लाभ अर्जित किया। प्राप्त जानकारी के अनुसार माता शबरी की कर्मभूमि शिवरीनारायण में डोल ग्यारस एकादशी जिसे जलझूलनी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है बड़े ही श्रद्धा एवं भक्ति पूर्वक मनाया गया। शाम ढलते ही भगवान गोपाल जी को रथ में बिठाकर कीर्तन मंडली के साथ राम नाम संकीर्तन करते हुए मध्य नगरी चौक से होते हुए महानदी के त्रिवेणी संगम तट पर ले जाया गया, यहां भगवान की विशेष पूजा अर्चना की गई, आरती के पश्चात एनडीआरएफ के द्वारा लाई गई नाव में भगवान को बिठाया गया, महानदी की तीव्र धारा में जल क्रीड़ा करा कर पुनः रथ में बिठाकर मठ मंदिर लाया गया, भगवान की शोभायात्रा नगर के जिन गलियों से होकर गुजरा लोगों ने अपने- अपने दरवाजे पर आरती पहले से ही सजा रखी थी, उन्होंने सपरिवार पूजा अर्चना करके आशीर्वाद प्राप्त किया। जलझूलनी एकादशी के संदर्भ में श्री शिवरीनारायण मठ पीठाधीश्वर राजेश्री महन्त रामसुन्दर दास जी महाराज अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य गौ सेवा आयोग ने बताया कि भाद्र शुक्ल पक्ष एकादशी को शिवरीनारायण में जल क्रीड़ा एकादशी मनाने की प्राचीन परंपरा है। जो भी भक्तजन इस दिन व्रत रखकर भगवान श्री हरि की श्रद्धा भक्ति पूर्वक पूजा अर्चना करते हैं, उन्हें वे मनोवांछित फल प्रदान करते हैं। यह मनुष्य के लिए मोक्ष का साधन है। उन्होंने कहा कि एकादशी के दिन मनुष्य को अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए इसके स्थान पर फल- फूल का आहार ले सकते हैं! घर में स्थापित भगवान श्री हरि की मूर्ति या प्रतिमा के समक्ष पूजन सामग्री रखकर दीपक जला कर विधिवत पूजा अर्चना करके हरी नाम का सुमिरन, कीर्तन एवं जाप, रामचरितमानस या श्रीमद् भागवत गीता का पाठ करना चाहिए। इस अवसर पर विशेष रूप से श्री जगदीश मंदिर के पुजारी त्यागी जी महाराज,राम मंदिर के पुजारी श्री ज्ञानदास जी नागा, हनुमान मंदिर के पुजारी शास्त्री जी महाराज, मठ मंदिर के मुख्तियार सुखराम दास जी, जिला पंचायत जांजगीर चांपा के उपाध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह, मठ मंदिर के ट्रस्टी बृजेश केसरवानी तथा पूर्णेन्द्र तिवारी, वीरेंद्र तिवारी, शैल त्रिवेदी, शशिभूषण सोनी, जयंत मनहर, कमलेश सिंह, सुशांत सिंह, प्रमोद सिंह, हेमंत दुबे, भुनेश्वर केसरवानी, योगेश शर्मा, सीताराम शर्मा, राधेश्याम शर्मा, सुबोध शुक्ला, रामचरण कर्ष,जोधिश चंद्रा, जगदीश चंद्रा, रामकृष्ण कश्यप, जगदीश यादव, रामखिलावन तिवारी, सुखुराम पटेल, उदय राम केंवट, देवा लाल सोनी,राजू शर्मा, थाना प्रभारी शिवरीनारायण रविंद्र अनंत जी( स्टाफ सहित), चुन्ना सिंह, अवधेश सिंह, संतोष दुबे, चंद्रिका फूलर, पुरेंद्र सोनी, मीडिया प्रभारी निर्मल दास वैष्णव सहित अनेक गणमान्य जन उपस्थित थे। प्रशासन ने महानदी में बाढ़ की स्थिति को ध्यान में रखकर पुलिस प्रशासन एवं एनडीआरएफ की टीम को सुरक्षा व्यवस्था के लिए पूर्णतः तैनात रखी थी।



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