क्या सतनामी समाज की महिला का सरपंच होना गुनाह है? राजनैतिक द्वेष की शिकार पेण्ड्री गांव की सरपंच सीमा श्रीकांत ने उच्चाधिकारियों को लिखा पत्र
(जांजगीर-चांपा संवाद यात्रा ) बदलते समय के साथ साथ पुरुष प्रधान समाज मे आज महिलाओं को बराबरी का हक देने दिलाने की आवाज और आश्वासन दोनों सुनाई देते हैं । बालिकाओं एवं महिलाओं को आगे लाने की बात सरकार और समाज दोनों जोर-शोर से करते है। ऊंची ऊंची पर्वतों को लांघते हुए , अंतरिक्ष मे उड़ान भरते हुए , आटो रिक्शा से लेकर रेल चलाने, वायुयान उड़ाने ,देश की सीमाओं पर दुश्मनों के आगे सीना ताने महिलाओं की जांबाजी की कहानी पढ़कर लगता है देश मे महिलाओं को बराबरी का अधिकार मिल चुका है ।
किन्तु धरातल पर महिलाओं के प्रति नजरिया कुछ अलग ही दिखाई जान पड़ता है खासकर पिछड़े समाज की ऐसी गरीब महिलाओं के प्रति जो राजनीति मे सक्रिय हैं ।
नवागढ़ जनपद पंचायत के ग्राम पेण्ड्री की सरपंच सीमा श्रीकांत द्वारा अपने ही गांव के पूर्व सरपंच पति वर्तमान पंच बाबूलाल पटेल उपसरपंच लखनेश्वार दास महंत पंच जयराम साहू सहेबलाल पटेल, महादेव पटेल सतभावन पटेल, देव प्रसाद पटेल पर समाजिक और जाति सूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए पंचायत का कामकाज न करने देने तथा विकास कार्यों से संबंधित प्रस्ताव पास न होने देने का आरोप लगाते हुए जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को पत्र लिखना कई सवालों को जन्म देता है । सीमा श्रीकांत ने खुले रुप से नामजद आरोप लगाते हुए पत्र मे लिखा है कि उसे किस तरह से शब्दों का प्रयोग करते हुए सरपंच पद से हटवाने की धमकी देते हैं ,और गांव के विकास कार्य संबंधी प्रस्तावों को पारित होने नहीं दिया जा रहा है ।
सरपंच सीमा श्रीकांत द्वारा लिखा पत्रसरपंच सीमा श्रीकांत ने यह पत्र जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को 2अगस्त 2021 को लिखा है और उसकी प्रतिलिपि कलेक्टर को भी भेजी है । लेकिन दो माह बाद भी अधिकारियों द्वारा इस संबंध मे कोई कार्यवाही नहीं करने से एक ओर सरपंच सीमा श्रीकांत को निराश होना पड़ रहा है तो दूसरी ओर गांव के विकास कार्य प्रभावित हो रहें हैं।
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