किसी कार्य को जबरदस्ती करवाने से नहीं बल्कि जबरदस्ती करने से सफलता मिलती है - नैना सिंह धाकड़ ।। भाजपा व्यवसायी प्रकोष्ठ द्वारा पर्वतारोही नैना सिंह धाकड़ का सम्मान

संवाद यात्रा / जांजगीर-चांपा / छत्तीसगढ़/ अनंत थवाईत

( रायपुर ) जब किसी व्यक्ति से कोई कार्य जबरदस्ती करवाया जाय तो वह कार्य तो करेगा लेकिन कार्य मे लगन नहीं होगा । जबकि व्यक्ति यदि किसी कार्य को पुरा करने की ठान ले तो उसकी जबरदस्ती उसे सफलता तक पहुंचाती है

उक्त बातें दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट पर सफलता की झंडा गाड़ने वाली छत्तीसगढ़ की पहली महिला पर्वतारोही के रूप मे अपना नाम दर्ज करवाने वाली नैना सिंह धाकड़ ने कही

रायपुर भाजपा प्रदेश कार्यालय मे आयोजित व्यवसायी प्रकोष्ठ द्वारा सम्मानित किए जाने के अवसर पर बस्तर की बेटी नैना सिंह धाकड़ ने माउंट एवरेस्ट यात्रा के दौरान मिले अनुभव को विस्तार से बताते हुए कहा कि जब वहां मौसम खराब होने के साथ ही मेरी तबियत खराब हुई तो टीम के सदस्यों ने मुझे वापस नीचे उतरने के लिए जबरदस्त दवाब बनाया लेकिन मैंने भी संकल्प ले रखा था कि मुझे अपनी छत्तीसगढ़ की माटी का गौरव बढ़ाना है । यदि मै सफलता प्राप्त किए बिना वापस जाऊंगी तो अपने गांव और प्रदेश के मेरे चाहने वाले लोगों को क्या कहुंगी ? मन मे यह विचार आते ही मैंने भी ठान लिया था कि भले ही इस अभियान मे मेरी जान चली जाय पर सफलता प्राप्त करके ही वापस जाऊंगी । मेरी यही जिद और जबरदस्ती मुझे सफलता की मंजिल तक पहुंचायी ।

उल्लेखनीय है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्र बस्तर के जगदलपुर मुख्यालय से दस किलोमीटर दूर एक्टागुड़ा गांव की रहने वाली युवती नैना सिंह धाकड़ ने इसी वर्ष जून माह मे दुनिया की सबसे ऊंची पर्वत चोटी (8848.86मीटर) एवरेस्ट एवं चौथी सबसे ऊंची चोटी लोत्से ( 8516 मीटर) पर सफलता की झंडा गाड़ते हुए पर्वतारोहण के क्षेत्र मे छत्तीसगढ़ की प्रथम महिला होने का गौरव प्राप्त किया।

भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णु देव साय संगठन महामंत्री पवन साय , तथा व्यवसायी प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक प्रदीप सिंह द्वारा नैना सिंह को शाल श्रीफल और स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित करने के बाद जब समारोह के संचालक कार्तिकेश्वर स्वर्णकार ने उन्हें अपने अनुभव को सबके सामने रखने के लिए आमंत्रित किया तो नैना सिंह ने एक कुशल वक्ता का परिचय देते हुए माउंट एवरेस्ट यात्रा मे मिले अनुभव को बड़े रोचक ढंग से प्रस्तुत किया और अपनी यात्रा वृत्तांत को छत्तीसगढ़ की माटी का गौरव ,बस्तर का दशहरा उत्सव से जोड़ते हुए सब को मंत्रमुग्ध किया ।



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