अपन देवता के कब पांव परबो..?

 

हमर छत्तीसगढ़ के मुल देवी देवता के प्रचार-प्रसार, आऊ उंकर पूजा विधि ल बगराय खातिर चिंतन परख गोठ लिखे हे रायपुर के वरिष्ठ साहित्यकार सुशील भोले जी ,जउन ल संवाद यात्रा के पाठक मन बर जस के तस प्रस्तुत करत हावन... अनंत थवाईत संवाद यात्रा 


अपन देवता के कब पांव परबो..?

      संत कवि पवन दीवान जी जब डॉ. परदेशी राम जी वर्मा के संग  मिलके 'माता कौशल्या गौरव अभियान' के मैदानी अभियान चालू करिन, त एक बात हर मंच म कहंय- "बंगाल के मन अपन देवी-देवता धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन, उत्तर प्रदेश बिहार के मन अपन देवी-देवता ल धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन, गुजरात अउ  पंजाब के मन अपन देवी-देवता धर के आइन, हम उंकरो पांव परेन। ओडिशा अउ आंध्र के मन अपन देवता धर के आइन हम उंकरो पांव परेन. बस चारों मुड़ा के देवी-देवता मन के पांव परइ चलत हे। त मैं पूछथंव- अरे ददा हो, बस हम दूसरेच मन के देवी-देवता मन के पांव परत रहिबोन, त अपन देवी-देवता मन के पांव कब परबोन?"

     ए बात सिरतोन आय अउ वोकर ले जादा मैदानी रूप म भीड़े के. का हमूं मन अपन इहाँ के मूल देवी-देवता मन के पूजा के प्रचार-प्रसार ल दुनिया भर नइ बगराइन, तेमा दुनिया के लोगन, हमर इहाँ के पारंपरिक देवी-देवता, हमर पूजा विधि, हमर जीवन पद्धति ल अपनावंय। 


   "आदि धर्म जागृति संस्थान" के नांव ले हमन ये जे उदिम चलाए के जोखा मढ़ाए हावन, वो ह असल म अपन मूल देवी-देवता मन के पांव परे के उदिम आय। त आवव, आप सब जम्मो झन मिल के हमर अपन देवी-देवता के, हमर अपन पूजा अउ उपासना विधि ले पांव परन, उंकर अलख जगावन, हमर अपन भाखा- संस्कृति के, हमर इतिहास अउ गौरव के, हमर सम्पूर्ण अस्मिता के सोर ल पूरा दुनिया म बगरावन।

जोहार....

-सुशील भोले

आदि धर्म जागृति संस्थान रायपुर

मो. 9826992811




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