कविताएं हमारी भावनात्मक अनुभूति की श्रृंखला होती है । धनेश्वरी सोनी की काव्य संग्रह "गुल की दोहावली" पर शशिभूषण सोनी के विचार

 

संवाद यात्रा / जांजगीर-चांपा / छत्तीसगढ़ / अनंत थवाईत 

बिलासपुर की कवियत्री धनेश्वरी सोनी रचित "गुल की दोहावली" पर चांपा के साहित्यकार शशि भूषण सोनी ने अपना विचार व्यक्त किया है जिसे हम यहां ज्यों का त्यों प्रकाशित कर रहे हैं..


साहित्य जगत की महान गीतकार हैं धनेश्वरी,

इनके ऊपर विशेष कृपादृष्टि हैं ईश्वरीय।

इनकी हर रचना हैं अद्भुत और प्रशंसनीय,

बहनजी साहित्य और समाज के लिए हैं परम वंदनीय।।

 कविताएं हमारी भावनात्मक अनुभूति की श्रृंखला होती हैं••जिसे कवि हो या  कवियत्री अपने अंतर्मन में उठे स्नेह-भाव से सोच-विचार कर प्रस्तुत करते हैं।

साहित्यिक-सांस्कृतिक मंचों पर कविता पठन-पाठन और श्रवण कराने वाली जांजगीर-चांपा जिले की विदुषी: लेखिका श्रीमती धनेश्वरी सोनी "गुल" की द्वितीय एकल संग्रह गुल की दोहावली पुस्तक के रुप में आ गई हैं।

बडो़ एवं गुरुजनों के आशीष, प्रभु कृपा एवं  माँ शारदे के वरहस्त से लेखिका धनेश्वरी सोनी की कविताएं मानवीय संवेदनाओं को शब्द प्रदान करने के लिए कुछ पन्नों में  आपके जीवन में रंग भर रही हैं । इस दोहावली में लेखिका की दूरदृष्टि और सोच साफ़ झलक रही हैं । 

                धनेश्वरी सोनी की प्रथम कृति 

 ज्ञातव्य हैं कि उनकी प्रथम कृति "गुल की कुण्डलियां" के पश्चात् दुसरी कृति उपलब्ध हैं। लेखिका और प्रकाशक सार्थक प्रयास के लिए बधाई स्वीकारें। जांजगीर-चांपा जिले के महज़ देवरी {सारागांव} की रहने वाली और बिलासपुर में शत्रुघन सोनी से ब्याही गई: धनेश्वरी सोनी {बहनजी} आज साहित्य की प्रमुख लेखिका, कवियत्री और रचनाकारों में गिनी जाती हैं। मंचों पर काव्य-पाठ करती हैं। स्वर्णकार समाज के लिए यह गर्व की बात हैं कि "गुल की दोहावली"•• एकल संग्रह के रुप में द्धितीय कृति प्रकाशित होने पर आपभी उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएं दे।

शशिभूषण सोनी 

साहित्यकार चांपा

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