भारतीय संविधान की प्रस्तावना में स्वस्थ जीवनशैली और सर्वांगीण समविकास की पूर्ण संभावनाएं हैं : प्रोफेसर प्यारेलाल"

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संवाद यात्रा / जांजगीर-चांपा / छत्तीसगढ़ / अनंत थवाईत

              संबोधित करते हुए डा.प्यारे लाल आदिले 

"भारतीय संविधान को दुनियां के सभी देशों से सर्वोत्तम संविधान माना गया है।विशाल लोकतंत्र के संचालन हेतु पूर्ण सक्षम संविधान माना गया है। भारतीय संविधान की प्रस्तावना में इस देश के जीवन शैली की अवधारणा समाहित है। देश में संपूर्ण रुप से समविकास की संभावनाएं भी इस सविधान में शामिल है।केवल एक ही बात की अनिवार्य आवश्यकता है कि देश के सभी नागरिक गांव से लेकर शहर तक संविधान की जानकारी रखें और संविधान में लिखी गई बातों को देश में लागू करने के लिए जागरूक रहें। देश की केंद्रीय और  प्रांतीय सरकारें भारतीय संविधान के बारे में सभी जनता को जानकारी प्रदान करें और देश के विभिन्न संस्थानों और विभागों में विधायक भूमिका निभाने वाले लोगों को संविधान के प्रावधानों के संदर्भ में विशेष रूप से प्रशिक्षित करे, तब कहीं जाकर भारत देश के संविधान का सर्वोत्तम अवधारणा और लक्ष्य सफल हो सकेगा।" उक्त उद्गार विधि भारती परिषद एवं अखंड भारत उत्थान समिति के संयुक्त तत्वावधान में "भारत के संविधान का प्रीएमबल : अवधारणाऔर संभावनाएं" विषय पर आयोजित राष्ट्रीय आभासी संगोष्ठी में जे.बी.डी. आर्ट्स एंड साइंस कॉलेज, कटघोरा के विद्वान  प्राध्यापक व प्राचार्य डॉ. प्यारेलाल आदिले ने व्यक्त किया। इस संगोष्ठी के प्रारंभ में स्वागत भाषण और विषय प्रवर्तन डॉ. संतोष खन्ना पूर्व संसदीय अधिकारी,सेवानिवृत्त जज उपभोक्ता फोरम एवं 'विधि भारती पत्रिका' के प्रधान संपादक ने किया। इस संगोष्ठी में देश के विभिन्न विद्वानों में क्रमशः प्रोफेसर डॉ.जी.एस. राजपुरोहित विभागाध्यक्ष एवं डीन,विधि विभाग राजस्थान विश्वविद्यालय, डॉ.संजीव कुमार अधिवक्ता उच्चतम न्यायालय नई दिल्ली, प्रोफेसर डॉ.नीता बोरा शर्मा विभागाध्यक्ष राजनीति विज्ञान विभाग कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल, प्रो.अफजल एम. वानी प्रोफेसर ऑफ लॉ निदेशक गुरु गोबिंद सिंह आई.पी. विश्वविद्यालय नई दिल्ली, श्री राजीव कुमार शर्मा वरिष्ठ अधिवक्ता उच्च न्यायालय रांची झारखंड, मुकेश कुमार मालवीय सहायक अध्यापक विधि काशी हिंदू विश्वविद्यालय, डॉ.राजेश बत्रा साहित्यकार योग संस्कृति उत्थान पीठ दिल्ली ने अपना विचार व्यक्त करते हुए 'भारतीय संविधान की प्रस्तावना की अवधारणा और संभावनाएं' पर तथ्यपरक बातें रखी। धन्यवाद ज्ञापन एवं समाहार वक्तव्य श्री अरविंद भारत प्रधान संपादक 'अखंड भारत पत्रिका' ने दिया। कार्यक्रम का संपूर्ण संचालन मोतीलाल नेहरू लॉ कॉलेज खंडवा मध्यप्रदेश के प्राचार्य डॉ. निशा केवलिया शर्मा ने किया। उल्लेखनीय है कि इस आभासी संगोष्ठी में देश के लगभग 100 प्रतिभागी शामिल हुए।




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