महंगाई भत्ता को लेकर छत्तीसगढ़ सरकार का सौतेला व्यवहार निंदनीय। अधिकारियों की तरह ही कर्मचारियों को भी तत्काल मिले 28% महंगाई भत्ता - छत्तीसगढ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन
संवाद यात्रा / जांजगीर-चांपा / छत्तीसगढ़ / अनंत थवाईत
कोरबा / छत्तीसगढ़ राज्य के कर्मचारीयो को जुलाई 2019 से महंगाई भत्ता अप्राप्त है। मात्र 12% महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा है। जबकि पूर्व से ही केंद्र सरकार के कर्मचारियों को 17% महंगाई भत्ता प्राप्त हो रहा था।जिसे केंद्र की सरकार ने जुलाई 2021 में लंबित महंगाई भत्ता 11% का आदेश जारी करते हुए कुल 28% महंगाई भत्ता प्रदान किया जा रहा है। इसी तरह राजस्थान, हरियाणा, झारखंड सहित कई राज्यों के कर्मचारियों को लंबित महंगाई भत्ता कुल 28% प्राप्त हो रहा है। लेकिन छत्तीसगढ़ में कोरोना का बहाना और बजट की कमी बताकर छत्तीसगढ़ सरकार कर्मचारियों को महंगाई भत्ता से आज तक वंचित रखे हुए हैं। पूरे भारत में महंगाई का मानक समान होता है और इस बढ़ती महंगाई के दौर में कर्मचारियों को उनका महंगाई भत्ता समय पर मिलना मौलिक अधिकार के बराबर है।
छत्तीसगढ़ सरकार के द्वारा 04 अगस्त 2021 को छत्तीसगढ़ में कार्यरत भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारीयो के लिए लंबित महंगाई भत्ता का आदेश जारी कर दिया गया है और उनको अब जुलाई 2021 से केंद्र के समान ही 28% महंगाई भत्ता प्राप्त होगा,जो स्वागत योग्य है। लेकिन वही छत्तीसगढ़ राज्य के मूल निवासी एवं मूल कैडर के कर्मचारियों एवं अधिकारियों को इससे वंचित रखा गया है।सरकार के इस दोहरा मापदंड और सौतेला व्यवहार की छत्तीसगढ़ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन विरोध करता है। फेडरेशन ने सरकार से पूछा हैं कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों के लिए सरकार के पास वित्तीय संकट नहीं हैं।उनको 1 जुलाई 2019 से 17 % एवं 1जुलाई 2021 28 % महँगाई भत्ता स्वीकृत हुआ है।लेकिन कर्मचारियों के लिए वित्तीय संकट हैं ऐसा क्यों ? इसे कैसे स्वीकार किया जा सकता हैं। छत्तीसगढ प्रदेश शिक्षक फेडरेशन के प्रांताध्यक्ष राजेश चटर्जी,कोरबा जिला संरक्षक श्रो आर के पाण्डेय, जिलाध्यक्ष सर्वेश सोनी,कार्यकारी अध्यक्ष व जिला सचिव राजेश राय ने मुख्यमंत्री माननीय भूपेश बघेल से मांग किया है कि छत्तीसगढ़ सरकार राज्य कर्मचारियों के लिए भी महंगाई भत्ता का आदेश तत्काल जारी करे।अन्यथा फेडरेशन शीघ्र ही योजना बनाकर राजधानी में जंगी प्रदर्शन धरना प्रदर्शन के लिए विवश होगा। जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी शासन - प्रशासन की होगी।







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